Shiv Mantra शिव मंत्र: ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र की उत्पत्ति का अन्वेषण
Shiv Mantra शिव मंत्र का महत्व
Shiv Mantra शिव मंत्र: ‘ॐ नमः शिवाय’ भगवान शिव का पसंदीदा मंत्र माना जाता है। इस मंत्र को भगवान शिव का बीज मंत्र माना जाता है, और इसका जप भोलेनाथ को खुश करता है और उनके भक्तों के कष्टों को दूर करता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई।
Shiv Mantra शिव मंत्र का महत्वपूर्ण भूमिका
भगवान शिव को प्रसन्न करने के कई तरीके हैं, लेकिन उनके मंत्रों का जाप सर्वाधिक उत्तम माना जाता है। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र को उनका पसंदीदा मंत्र माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं।
Shiv Mantra शिव मंत्र की उत्पत्ति कथा
ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. राधाकांत वत्स ने बताया कि भगवान शिव की उत्पत्ति की कथा बहुत ही रोचक है, और उनके पसंदीदा मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ की उत्पत्ति भी दिव्यता से परिपूर्ण है। इस लेख में, हम जानेंगे कि ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उत्पन्न होने का कारण और कहां, कैसे और कब यह मंत्र रचा गया।
शिव का उद्भव
पौराणिक कथा के अनुसार, धरती पर भगवान शिव एक आग के स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। इस पूर्ण तेज वाले आग स्तंभ ने पृथ्वी पर अवतरण किया और यह आग स्तंभ पांच मुख वाला था, जिसमें पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु शामिल थे।
Shiv Mantra शिव मंत्रकी उत्पत्ति
इन पांच तत्वों के प्रभाव के कारण, ऊर्जा आग स्तंभ में व्याप्त हुई और उस ऊर्जा से पहले ‘ॐ’ शब्द की उत्पत्ति हुई। इसके बाद, ‘नमः’ और ‘शिवाय’ के शब्द पांच तत्वों से उत्पन्न हुए। फिर पहली बार भगवान विष्णु ने अपने मुख से ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण किया।
Shiv Mantra शिव मंत्र का महत्व
इस शिव मंत्र के विष्णु भगवान के मुख से प्रोणुंसन से, यह महादेव का पसंदीदा मंत्र बन गया। इसके बाद, इस मंत्र का उच्चारण ब्रह्मा देव ने किया, फिर देवताओं, सप्त ऋषियों, मुनियों, गंधर्वों, यक्षों और मानवों ने इस मंत्र की जप की शुरुआत की।
Shiv Mantra शिव मंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका
क्योंकि इस शिव मंत्र को पहली बार भगवान विष्णु ने उच्चारण किया था, इसलिए माना जाता है कि इस मंत्र में भगवान विष्णु की शक्तियां भी शामिल हैं। इस मंत्र का उच्चारण सूर्य देव भी करते हैं, जो अपने प्रकाश से पृथ्वी को सींचते हैं और वे भी इस मंत्र से अपनी शक्तियां प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष
इस रूप में, ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र की उत्पत्ति कथा हमारे सामने है, जो भगवान शिव का आदर्श और मंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो कृपया इसे सोशल मीडिया पर साझा करें और हमारी वेबसाइट पर और भी इसी तरह के लेख पढ़ते रहें। आपकी राय क्या है? कृपया हमसे टिप्पणी में साझा करें।
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