Dussehra 2024: Vijayadashami (दशहरा)
Dussehra 2024: दशहरा, १० दिन का दुर्गा पूजा को कहा जाता हैं। जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है, इसलिए इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास में इसे मनाया जाता है, और इस मास के 10वें दिन इसका उत्सव होता है। 2024 में यह 12 अक्टूबर को पड़ेगा। विजयादशमी को भगवान राम की रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर, जो एक भैंसे के रूप में दानव था, पर जीत के रूप में मनाया जाता है। विजयादशमी को दशहरा या दसरा के नाम से भी जाना जाता है। नेपाल में इसे दशैं के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Dussehra 2024: नवरात्रि कैलेंडर
नवरात्रि दिवस | तारीख | दिन | पूजा |
---|
दिन 1 | 3 अक्टूबर 2024 | गुरुवार | घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा |
दिन 2 | 4 अक्टूबर 2024 | शुक्रवार | चंद्र दर्शन, ब्रह्मचारिणी पूजा |
दिन 3 | 5 अक्टूबर 2024 | शनिवार | चंद्रघंटा पूजा, सिंदूर तृतीया |
दिन 4 | 6 अक्टूबर 2024 | रविवार | विनायक चतुर्थी |
दिन 5 | 7 अक्टूबर 2024 | सोमवार | कूष्मांडा पूजा, उपांग ललिता व्रत |
दिन 6 | 8 अक्टूबर 2024 | मंगलवार | स्कंदमाता पूजा |
दिन 7 | 9 अक्टूबर 2024 | बुधवार | सरस्वती आवाहन, कात्यायनी पूजा |
दिन 8 | 10 अक्टूबर 2024 | गुरुवार | सरस्वती पूजा, कालरात्रि पूजा |
दिन 9 | 11 अक्टूबर 2024 | शुक्रवार | दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, संधि पूजा |
दिन 10 | 12 अक्टूबर 2024 | शनिवार | आयुध पूजा, नवमी होम, विजयादशमी, दुर्गा विसर्जन |
दशहरा क्यों मनाया जाता है?
दशहरा हिंदू त्योहार है जो भगवान राम की रावण पर विजय का प्रतीक है। यह देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय और नवरात्रि के अंत का भी प्रतीक है। विजयादशमी अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह अश्विन या कार्तिक महीने के 10वें दिन आता है। यह त्योहार देवी शक्ति के नौ रूपों को समर्पित है, जिसमें प्रत्येक दिन एक अलग देवी की पूजा की जाती है।
दशहरा का उत्सव
दशहरा मुख्य रूप से भगवान राम द्वारा रावण के वध की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन देश भर में देवी दुर्गा, सरस्वती, गणेश, लक्ष्मी आदि की मूर्तियों को नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है।
साथ ही, रावण के पुतले जलाए जाते हैं जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक होते हैं। पटाखे जलाकर और आतिशबाजी करके इस दिन का जश्न मनाया जाता है। इसी समय से दिवाली या दीपावली की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं।
दशहरा का महत्व
हर साल दशहरा का त्योहार बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। देशभर में लोग अपने-अपने अनूठे अंदाज में इस उत्सव में भाग लेते हैं। यह वह दिन है जब दस सिर वाले रावण का वध भगवान राम ने किया था। विजयादशमी हिंदू धर्म में एक पवित्र त्योहार है और अच्छाई की बुराई पर जीत का जश्न मनाता है। देश के हर इलाके में इसे मनाने का अपना अलग तरीका होता है। यह पर्व धर्म और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है, जो साहस और सद्गुण जैसे नैतिक मूल्यों की शिक्षा देता है।
दशहरा कैसे मनाया जाता है?
- लोग इन नौ दिनों के दौरान व्रत रखते हैं, कुछ पहले दो या आखिरी दो दिनों का उपवास करते हैं, जबकि कुछ पूरे नौ दिनों तक उपवास करते हैं ।
- आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर, देवी दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक उपवास करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस दौरान दुर्गा स्तोत्र और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं, इस विश्वास के साथ कि सच्ची श्रद्धा से दुर्गा की आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- दशहरा या विजयादशमी का उत्सव देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर लोग सार्वजनिक जुलूसों में भाग लेते हैं, तो कुछ जगहों पर राम लीला का आयोजन किया जाता है। कुछ शहरों में रावण दहन का आयोजन किया जाता है।
- त्योहार की मुख्य विशेषताओं में पटाखे फोड़ना और दावतें शामिल हैं। भारत के कई स्थानों पर इस अवसर पर रंग-बिरंगे मेले और प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर दशहरा से दस दिन पहले से ही संपूर्ण रामायण का मंचन किया जाता है।
दुर्गा पूजा: विजय और उत्सव का पर्व
दुर्गा पूजा को शारदोत्सव या दुर्गोत्सव भी कहा जाता है। यह हिंदू देवी दुर्गा को समर्पित एक वार्षिक हिंदू त्योहार है। यह त्योहार विशेष रूप से ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम में प्रसिद्ध है। यह आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार सितंबर और अक्टूबर के महीनों में आता है। दुर्गा पूजा एक बहु-दिवसीय उत्सव है, जिसमें मंच और मंदिर की सजावट, कला प्रदर्शन और जुलूस शामिल होते हैं। दुर्गा पूजा महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय को दर्शाता है और इस प्रकार अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।
FAQs on Dussehra 2024 (दशहरा से जुड़े सामान्य प्रश्न)
1. नवरात्रि के नौवें दिन कौन सी देवी की पूजा की जाती है?
- नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
2. दशहरा की शुरुआत किसने की थी?
- दशहरा की शुरुआत प्राचीन हिंदुओं द्वारा की गई थी, जैसा कि प्राचीन हिंदू संस्कृत महाकाव्य रामायण में दर्शाया गया है, ताकि अच्छाई की बुराई पर विजय का जश्न मनाया जा सके।
3. 2024 में दशहरा कब है?
- दशहरा अश्विन महीने के दश दिन मनाया जाता है, जो सितंबर-अक्टूबर के महीने में आता है। जो 2024 मे 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक है। इस साल विजयादशमी 12 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।
4. दशहरे के दौरान किस भगवान या देवी की पूजा की जाती है?
- कुछ स्थानों पर दशहरे पर भगवान राम की पूजा की जाती है, जबकि कुछ स्थानों पर इस पवित्र त्योहार के दौरान देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।
5. क्या दशहरे के दौरान शादियां की जा सकती हैं?
- यदि आप दशहरे के दौरान शुभ मुहूर्त प्राप्त कर सकते हैं, तो इस पवित्र अवसर पर शादियां की जा सकती हैं।
6. क्या दशहरा हर किसी के लिए भाग्यशाली दिन है?
- दशहरा एक पवित्र दिन है और इसे हर किसी के लिए भाग्यशाली माना जाता है क्योंकि यह बुराई के अंत के बाद एक नई शुरुआत का प्रतीक है। कई लोग इस दिन को इतना शुभ मानते हैं कि नए काम शुरू करते हैं या फ्लैट, आभूषण, वाहन आदि खरीदते हैं।
7. नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ नाम कौन-कौन से हैं?
- नवरात्रि के दौरान पूजा की जाने वाली देवी दुर्गा के नौ अवतारों के नाम हैं: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
ये भी पढ़े, जो आपको पढ़ना चाहिए। पढ्ने के लिए, यँहा पर Click करें।